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Rank-In-Division-कुपोषित-बच्चों-को-सेहतमंद-बनाने-में -संभाग

सागर वॉच
 मप्र के सागर संभाग को आगामी 14 नवंबर तक कुपोषण मुक्त  बनाने का अभियान शुरू होने वाला है। इस लिहाज से कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए चलाए जा रहे बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम में संभागीय मुख्यालय का सागर जिला फिसड्डी साबित होता नजर आ रहा है इस कवायद में जहां मप्र के 52 जिलों में सागर संभाग का निवाड़ी जिला प्रथम स्थान पर रहा है,वहीं संभागीय मुख्यालय जिला सागर संभाग में सबसे पीछे व प्रदेश भर में 45 वे स्थान पर है। 

कुपोषण मुक्त मप्र बनाने के लिए शासन द्वारा कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर वजन से लेकर पोषण आहार और दवा की व्यवस्था कराई जाती है, जिसके तहत ही चल रहे बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम में सागर संभाग के निवाड़ी जिले के महिला एवं बाल विकास द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल करवा कर 143 बच्चे मध्यम श्रेणी में रखे गए, जिसके बाद ताज़ा स्थिति में 402 बच्चों सामान्य हैं. मप्र के 52 जिलो में 29 प्रतिशत रहा है जबकि निवाड़ी जिला 62.4 प्रतिशत के साथ अव्वल नम्बर पर है।

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संभाग में छतरपुर जिला दूसरे नम्बर पर है जिसमें 2157 अति गंभीर कुपोषित बच्चों में से 722 मध्यम और 991 सामान्य बच्चे हैं, जिनका प्रतिशत 40.3 रहा और सातवें स्थान पर रहा 

टीकमगढ़ जिले में 1819 में से 747 मध्यम और 860 सामान्य बच्चे हैं. जिनका प्रतिशत 37.7 रहा और 10 वे स्थान पर हैं।

वहीं दमोह जिले में 1847 बच्चों में से 608 मध्यम और 784 सामान्य बच्चे है. 33 प्रतिशत के साथ प्रदेश में 16 वे स्थान पर रहा. पन्ना जिले में 1152 बच्चों में से 495 मध्यम और 485 सामान्य बच्चे है. जिनका प्रतिशत 31.4 रहा और 20 वे स्थान पर आया।

जबकि जिला मुख्यालय सागर में 5717 अति गंभीर कुपोषित बच्चों में से 2147 मध्यम और 1424 सामान्य बच्चे मिले हैं. जिनका प्रतिशत 21.7 रहा और मप्र में 45 वे स्थान पर है। 

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