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Sagar Watch

SAGAR WATCH/14 OCT 2023/
  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकार ने मीडिया मॉनीटरिंग सेल के सदस्यों को निर्देश दिये है, कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं विशेष तौर पर सोशल मीडिया पर प्रसारित निर्वाचन संबंधी पेड न्यूज, फेक न्यूज एवं विज्ञापनों की सतत निगरानी करें। विज्ञापन प्रमाणन संबंधित पूरी कार्यवाही जिला (MCMC-Media Certification and Monitoring Committee) द्वारा समय-सीमा में पूर्ण की जाए। भ्रामक खबरों के संबंध में तत्काल सत्यापन कर उनका खंडन जारी करें। 

विधानसभा निर्वाचन की घोषणा के साथ ही कलेक्ट्रेट कार्यालय के प्रथम तल कक्ष क्रमांक 218 में (MCMC-Media Certification and Monitoring Committee) कक्ष सक्रिय किया गया हैं। जिसमें 24 घंटे चार पालियों में दल प्रभारी एवं सहायक सदस्य बनाए गए हैं। जिनके द्वारा पेड न्यूज, फेक न्यूज एवं विज्ञापन की मॉनीटरिंग के साथ विज्ञापन प्रमाणन के लिए आवेदन लिए जाएंगे। 

विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले व्यक्तिगत अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तावित विज्ञापनों के प्रमाणन, राजनैतिक विज्ञापनो का पर्यवेक्षण, पैड न्यूज के संदिग्ध प्रकरणों की जांच, पम्पलेट, पोस्टर, हैंडबिल की जांच, प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों का प्रमाणन करेंगे तथा व्यय परीक्षण दल को रिपोर्ट करेंगे।

जिला (MCMC-Media Certification and Monitoring Committee) द्वारा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी से निम्न में से किसी एक या अधिक माध्यम से प्रसारण हेतु प्रस्तावित विज्ञापन का आवेदन प्राप्त करेगी। जिनमें केबल नेटवर्क टीव्ही चौनल, रेडियो नेशनल (प्रायवेट टीव्ही चैनल सहित, सिनेमा हाल, ई पेपर, फोन पर बल्क एसएमएस, वाइस मैसेजेस, सार्वजानिक स्थलों पर ऑडियो, सोशल मीडिया इंटरनेट शामिल हैं। 

आवेदन प्रसारण की प्रस्तावित तिथि से कम से कम 7 दिवस पूर्व दिया जाना चाहिए। आवेदन प्राप्त होने पर उसकी जांच कर प्रस्तावित विज्ञापन प्रसारण योग्य है या नही का निर्णय जिला एमसीएमसी करेगी। ऐसा निर्णय आवेदन प्राप्त होने के 2 दिनों के भीतर लिया जाकर आवेदक को सूचित करना होगा। हालांकि राजनैतिक दलों , अभ्यर्थियों को सुविधा देने एवं विज्ञापन के प्रमाणन के कार्य को तेजी से पूर्ण करने के लिए आवेदन का निराकरण उसी दिन किये जाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

ऐसे विज्ञापनों को किया जाएगा अमान्य - जिला (MCMC-Media Certification and Monitoring Committee) किसी प्रस्तावित विज्ञापन के आवेदन को अमान्य कर सकती है। 
यदि विज्ञापन का कंटेट 

  • आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता हो। 
  • किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के विरुद्ध हो विचारों की संवेदनशीलता, नैतिकता एवं शालीनता को समाप्त करता हो। 
  • विद्रोही, घृणित और चौंकाने वाला हो धर्म, जाति, नस्ल, समुदाय, जाति के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देता हो, 
  • जिसमें सार्वजानिक शांति भंग करने की सम्भावना हो, 
  • लोगो को अपराध, विकार या हिंसा के प्रति उकसाता हो या 
  • हिंसा एवं अश्लीलता का महिमा मंडन करता हो। 
  • पूर्णतः या आशिक रूप से धार्मिक, राजनैतिक प्रकृति का हो या धार्मिक एवं राजनैतिक की ओर प्रतीत होता हो।

Sagar Watch

Sagar Watch/
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (MCMC) के संबंध में जारी दिशा निर्देशो का अक्षरशः क्रियान्वयन कराया जाना सुनिश्चित किया गया है। 

 कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक आर्य ने जिले के निजी केबल आपरेटरसिनेमा संचालकों की संयुक्त बैठक लेकर कहा कि उन्हें राजनैतिक विज्ञापनों के प्रसारण पूर्व प्रमाणन अति आवश्यक है। इसके लिए जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी के द्वारा कार्यवाहियां संपादित की जा रही है ।

वहीं राज्य स्तरीय विज्ञापनो के प्रसारण हेतु भी राज्य स्तरीय (Media Certificate and Monitoring Committee) (MCMC) कमेटी से अनुमोदनयुक्त प्रमाणन अति आवश्यक है। इसके अभाव में यदि किसी केबल आपरेटर अथवा सिनेमा संचालकों के द्वारा राजनैतिक विज्ञापनों का प्रसारण किया जाता है तो उनके खिलाफ विविध नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी। 

 पेड न्यूज के संबंध में आयोग के द्वारा दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दीपक आर्य ने बताया कि मीडियाकर्मी स्वयं पेड न्यूज के प्रभाव से बचें और अन्य को उक्त विधा से बचाएं। 

आयोग की मंशा अनुसार जारी पेड न्यूज के संबंध में बताया कि सभी अभ्यर्थी, जिनके द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया जाता है, उसी दिन से पैड न्यूज की प्रक्रिया उन पर प्रभावशील हो जायेगी। 

अभ्यर्थियों से पैड न्यूज के बचाव के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किए गए है, उनका पालन संबंधितों से अपेक्षित किया गया है। अनुपालन नही करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। 

 राजनैतिक प्रकृति का कोई विज्ञापन जिसे अभ्यर्थी राजनैतिक दल प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित करना चाहते हों, को सक्षम स्तर से प्रमाणित किया जाना अधिप्रमाणन कहलाता है। अधिप्रमाणन क्यों ? 
 
इलेक्टॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के अधिप्रमाणन जरूरी 

सक्षम स्तर पर अधि प्रमाणित होने के उपरांत ही कोई भी विज्ञापन जनता /कार्यकर्ताओं को दिखाया जा सकेगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तहत रेडियो, एफएम चैनल्स शामिल है। इसके अलावा विजुअल मीडिया अंतर्गत टेलीविजन, केबल नेटवर्क, सिनेमा, मोबाइल, फोन, वीडियो वैन, इन्टरनेट एवं सोशल मीडिया के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए है ।

सोशल मीडिया 

  • वहीं सोशल मीडिया के अंतर्गत विकीपीडिया,ट्विटर, यू- टयूब, फेसबुक एवं एप्स शामिल है। विज्ञापन अधिप्रमाणन की प्रक्रिया में समिति को जो कार्य करना होंगे, उनमें आवेदन-पत्र प्राप्त करना-निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र को रजिस्टर में दर्ज करना। आवेदन पत्र की जांच करना। 
  • आवेदन पत्र को समिति के समक्ष प्रस्तुत करना। 
  • आवेदन पत्र पर समिति द्वारा निर्णय करना। 
  • निर्णय की प्रति आवेदक को देना शामिल हैं। 
  •  आवेदन-पत्र प्राप्त करते समय ध्यान रखने योग्य बिन्दु - आवेदन-पत्र पूर्ण भरा होना चाहिये-
  • कोई भी कॉलम खाली नहीं रहना चाहिये। 
  • आवेदन के साथ विज्ञापन की 2 सीडी,डीवीडी होनी चाहिये। 
  • सीडी,डीवीडी पर राजनैतिक दल के अधिकृत प्रतिनिधि/अभ्यर्थी/निर्वाचन अभिकर्ता के हस्ताक्षर होने चाहिये। 
  • विज्ञापन का लिप्यान्तरण दो प्रतियों में होना चाहिये व बिन्दु संख्या (3) के अनुसार हस्ताक्षरित होनी चाहिये। 
  • आवेदन-पत्र में विज्ञापन की निर्माण की लागत अंकित होनी चाहिए। 
  •  आवेदन-पत्र प्राप्त करते समय ध्यान रखने योग्य बिन्दु - विज्ञापन के प्रसारण की लागत भी अंकित होनी चाहिये। 
  • उक्त विज्ञापन किस-किस चैनल पर कब-कब व कितनी देर तक प्रसारित किया जायेगा, इसका विवरण भी आवेदन-पत्र में अंकित होना चाहिए। 
  • विज्ञापन प्रसारण की तिथि से कम से कम 3 दिन पूर्व आवेदन-पत्र समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिये। 
  • आवेदन-पत्र के साथ दल,अभ्यर्थी का एक अभिकथन कि समस्त भुगतान चैक, डिमाण्ड ड्राफ्ट द्वारा किये जायेंगे, संलग्न होना चाहिए। 


समिति द्वारा अधिप्रमाणन - आवेदन प्राप्ति के 48 घंटो में अधिप्रमाणन, अनुलग्नक ‘ब’ पर अधिप्रमाणन, अनुलग्नक ‘ब’ पर अध्यक्ष सहित समिति के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर, विज्ञापन की सी.डी./डी.वी.डी. व लिप्यान्तरण पर समिति के सभी सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर, अधिप्रमाणन की प्रति व सी.डी. दल/अभ्यर्थी को देना। 

अधिप्रमाणन की प्रति व सी.डी./डी.वी.डी. मीडिया सेल को देना जिससे निगरानी रखी जा सकें कि अधिप्रमाणित विज्ञापन ही निर्धारित चैनलों पर निर्धारित समय पर ही प्रसारित किया जा रहा है। 

यदि अतिरिक्त चैनल/समय पर प्रसारित किया जाता है तो मीडिया सेल के प्रभारी/आर.ओ. को रिपोर्ट करेगा व आर.ओ. अभ्यर्थी को नोटिस देगा और विज्ञापन प्रसारण का अतिरिक्त व्यय चुनाव व्यय में जोडे़गा। 

अधिप्रमाणन की प्रति लेखा शाखा को निर्वाचन व्यय में जोड़ने हेतु। समिति द्वारा अधिप्रमाणन से इंकार करने पर कारण सहित निर्णय की प्रति आवेदक को देना। सोशल मीडिया - नामांकन पत्र के साथ फार्म 26 में शपथ पत्र में अभ्यर्थियों को देना अनिवार्य किया गया है राजनैतिक विज्ञापनों का अधिप्रमाणन - मैसेज/टिप्पणी/फोटो/वीडियो की श्रेणी में कोई भी सामग्री अपने ब्लॉग/स्वंय के खाते में अपलोड करने को राजनैतिक विज्ञापन नहीं माना गया है।

इसमें अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी।उक्त सामग्री राजनैतिक दल/अभ्यर्थी के द्वारा भी अपने खाते में अपलोड की है तो भी नहीं। ई-पेपर में दिए विज्ञापनों का अधिप्रमाणन आवश्यक रहेगा। राजनैतिक विज्ञापनो का अधिप्रमाणन - राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों के कार्यालयों में कार्यरत सोशल मीडिया टीम को भुगतान व्यय में जोड़ा जाएगा। इंटरनेट कंपनी एवं बेवसाइट को किया गया भुगतान व्यय में जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में प्रकाशित सामग्री एमसीएमसी के दायरे में शामिल रहेगी।