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बुंदेलखंड अंचल में पिछले एक पखवाड़े से शिक्षा विभाग सुर्ख़ियों में है। कमिश्नर और कलेक्टर द्वारा प्राचार्यों और शिक्षकों को काम में लापरवाही और औसत से भी घटिया नतीजों को लाने के चलते निलंबन का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह थमता नजर नहीं आ रहा है। इन घटनाक्रम से यह भी चिंता होती है कि शिक्षकों खुद ही ऐसे घटिया कामों में लिप्त हैं तो उनसे देश के लिए अच्छे ईमानदार नागरिकों को तैयार करने के उम्मीद कैसे की जा सकती है ?
पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा विभाग के बेलगाम होते अधिकारीयों को सबक सिखाने के लिए संभागायुक्त ने सख्त कार्रवाई की है।
Sagar Watch News/ बुंदेलखंड अंचल में भाडे के शिक्षक से संस्था में बच्चों को पढाये जाने के संबंध में संलिप्त शिक्षा अधिकारी बीआरसीसी जनपद शिक्षा केन्द्र खुरई लोकमन चौधरी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी मालथौन जेपी अहिरवार एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी खुरई आरएस शर्मा को पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाह एवं नियमित मानीटरिंग नहीं किए जाने एवं उक्त प्रकरण में संलिप्तता परिलक्षित होने के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया।
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग की रिपोर्ट के अनुसार,
- बीआरसीसी जनपद शिक्षा केंद्र खुरई के लोकमन चौधरी,
- विकासखंड शिक्षा अधिकारी मालथौन जेपी अहिरवार एवं
- खुरई के आरएस शर्मा
द्वारा अपने पदीय दायित्वों में गंभीर लापरवाही बरती गई।
समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्टों और जांच में स्पष्ट हुआ कि भाड़े के शिक्षक विद्यालयों में पढ़ा रहे थे, जबकि संबंधित अधिकारियों ने नियमित मॉनीटरिंग नहीं की। संभागायुक्त ने मामले की सुनवाई के बाद तीनों अधिकारियों की संलिप्तता स्पष्ट मानते हुए निलंबन आदेश जारी कर दिया। यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन माना गया है।
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