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Sagar Watch News/ नेताओं की लच्छेदार बातों के साथ 68 वीं राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आज सागर के नगर निगम के स्टेडियम में शुभारम्भ हुआ। राजनीति के खिलाडियों ने स्कूल के बच्चों को खूब ज्ञान पेला।इस राज्य स्तरीय आयोजन में आयोजक इस मौके पर बच्चों को खेल से जुडी कोई अच्छी सीख देने वाले किसी खिलाडियों को नहीं बुला पाए।
सामान्यतः शासकीय आयोजनों में राजनेताओं की प्रत्यक्ष भूमिका अपेक्षित नहीं होती है लेकिन कहते हैं न "जब सैंयाँ कोतवाल तो डर काहे का" इस खेल आयोजन में भी नेताओं ने खूब बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिए और बड़ी -बड़ी बातें दीं। सत्ताधारी पार्टी के जिला स्तर के पदाधिकारी ने देश के होनहार खिलाडियों को उन सारी बातों को मानने की सीख दी जिनका राजनीति के खेल में खुलेआम माखौल उड़ाया जाता है।
इन साहब को शायद पहले से ही पता चल गया होगा खेल प्रतियोगिता में शामिल होने वाले बच्चों को अपेक्षित खेल सुविधाओं और सामग्री के आभाव का सामना करना पड़ सकता है इसलिए उन्होंने पहले से ही बच्चों को नसीहत दे दी " जो खिलाडी अभावों में खेलता है वह ही आगे बढ़ता है, अपना नाम रोशन करता है और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक जाता है।" अगर कोई इस बात का मतलब यह भी निकालने लगे कि जो सुविधाओं के अभाव को मुद्दा बनाएगा उसके आगे बढ़ने की सम्भावना कम हो जाती है, तो भी कोई अचरज की बात नहीं होगी ।
इसी क्रम में एक जनप्रतिनिधि ने तो खेल प्रतियोगिता में शामिल बच्चों से ज्यादा आयोजकों का ख्याल रखते हुए एक गजब बात कह दी। उन्होंने खेल आयोजन की अनअपेक्षित बदइंतजामी को लेकर पहले से ही आयोजकों का बचाव करते हुए बच्चों को सीख दे डाली ।
उन्होंने कहा कि वे (बच्चे) घर से बाहर खेलने आये हैं इसलिए अगर कोई बदइंतजामी सामने आये तो उसको तूल न देना। लेकिन उन्हें यह नजर नहीं आया कि आयोजक तो घर के ही हैं और अपने घर में ही आयोजन करा रहे हैं उन्हें पूरी तरह चाक चौबंद इंतजाम करना चाहिए, उन्हें कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाहिए।
हालांकि अपने उद्बोधन के दौरान जाने-अनजाने में यह भी खुलासा करते नजर आये कि इन खेलों के लिए प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त बजट मुहैया कराया है।
शहर की प्रथम नागरिक ने भी खिलाडियों को बताया कि खेलने से समय के प्रबंधन, अनुशासन और देशभक्ति की भावना आती है।
इसी सिलसिले में जिला शिक्षा अधिकारी भी भाषण देने में कहीं से कमजोर नजर नहीं आये। उन्होंने भी अयोजन के इन्तेजाम बेहतरीन होने के खूब कसीदे काढ़े। उन्होंने बताया की आयोजन कारगर आयोजन के लिए खूबसारी समितियां गठित की गयीं हैं। उनमें दर्जनों प्राचार्यों, शिक्षकों, खिलाडियों और खेल अधिकारीयों को जिम्मेदारी सौपी गयी है।
प्रतियोगिता के नोडल अधिकारी ने बताया कि प्रतियोगिता में 580 छात्र-छात्राएं प्रतियोगी के रूप में शामिल होंगे एवं 80 से अधिक अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए हैं। प्रदेश के 10 संभागों से खिलाड़ी सागर आये हैं। छात्राओं को "शादी घरों" और छात्रों को स्कूलों में ठहराया गया है।
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