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सागर जिले के आठ विधानसभा क्षेत्रों में 97 उम्मीदवार चुनाव मैदान में


सबसे अधिक 21 सागर तथा सबसे कम 8-8 बीना, खुरई में प्रत्याशी

पुलिस बल, होमगार्ड सहित सीएपीएफ की 18 कंपनी तैनात

मतदान केन्द्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा मतदान

जिले के 17 लाख से अधिक मतदाता चुनेंगे आठ विधायक

Sagar Watch/ 16 Nov 2023/ मध्यप्रदेश में सोलहवीं विधानसभा के लिए सागर जिले की आठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान 17 नवंबर को होगा। इन क्षेत्रों 97 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे अधिक 21 उम्मीदवार सागर विधानसभा क्षेत्र में तथा सबसे कम 8-8 उम्मीदवार बीना एवं खुरई विधानसभा क्षेत्र में चुनाव मैदान में उतरे है।

जिले की आठों विधानसभा सीटों के लिए शुक्रवार 17 नवंबर को 

  • सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। 
  • सुबह 5.30 बजे सबसे पहले मॉक पोल करवाया जायेगा। 
  • जिले में कुल 17 लाख 82 हजार 725 मतदाता है। 
  • इनमें पुरुष 9,37,328, महिला 8,45,365 और 32 अन्य मतदाता शामिल है। 


आठ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2118 मतदान केन्द्र है। 

  • सबसे अधिक 300 रहली विधानसभा क्षेत्र में है। 
  • बीना में 232, 
  • खुरई में 253, 
  • सुरखी में 271, 
  • देवरी में 255, 
  • नरयावली में 268, 
  • सागर में 248 और 
  • बंडा में 291 मतदान केन्द्र है। 

जिले में 1408 मतदान केन्द्र ग्रामीण और 710 मतदान केन्द्र शहरी क्षेत्र में है।

सबसे अधिक मतदाता 2,48,128 बंडा विधानसभा क्षेत्र में है। 
बीना में 1,90,765 
खुरई में 2,13,663 
सुरखी में 2,24,353, 
देवरी में 2,16,374, 
नरयावली में 2,37,242, 
सागर में 2,08,843 और 
रहली में 2,43,398 मतदाता मतदान करेंगे। 

जिले में 18-19 आयु वर्ग के 65,734 युवा मतदाता वोट डालेंगे। 

जिले में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 597 है। जिनमें से 585 बेवकास्टिंग की जाएगी। 1521 सामान्य मतदान केन्द्रों में से 464 में बेवकास्टिंग होगी। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में 234 माइको ऑब्जर्वर की तैनाती होगी। 12 क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की वीडियोग्राफी करवाई जायेगी। इनमें 7 देवरी तथा 5 रहली के मतदान केन्द्र है। इस प्रकार 1049 मतदान केन्द्रों की वेबकास्टिंग एवं 12 मतदान केन्द्रों की वीडियोग्राफी होगी।

आठों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2118 ईवीएम एवं वीवीपेट  मशीनों की इस्तेमाल होगा तथा 413 सीयू, 467 बीयू एवं 603 वीवीपेट रिजर्व में रहेगी। मतदान में 2118 कंट्रोल यूनिट लगाई गई है। 424 रिजर्व में उपलब्ध रहेगी। 

सभी मतदान केन्द्रों में 2118 वीवीपेट रहेगी, जिसमें मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकेंगे। जिले में 58 आदर्श मतदान केन्द्र और 227 महिला मतदान केन्द्र स्थापित किये गये है। मतदान करवाने के लिए 9320 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 192 सेक्टर अधिकारी, 234 माइको आब्जर्वर तथा 1496 छोटे-बड़े वाहनों की सेवाएं मतदान को संपन्न करवाने में ली गई है।

सुरक्षा व्यवस्था

जिले में शांतिपूर्वक मतदान करवाने के लिए 1500 स्थानीय पुलिस बल तैनात किया गया है। सीएपीएफ की 18 सुरक्षा कंपनी पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था सम्हाल रही है। एक कंपनी में 80 से 90 जवान तैनात है। 

इनके अलावा 1350 होम गार्ड तथा 2310 स्पेशल पुलिस ऑफीसर भी सुरक्षा मोर्चा सम्हालेंगे। साथ ही 2310 सोशल पुलिस ऑफीसर को भी नियुक्त किया गया है। जिले की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान रखते हुए 112 अपराधियों को पूर्व में ही जिला बदर किया जा चुका है। निर्वाचन मतदान के सुचारू संचालन के लिए 58 सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है।

सभी 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 8000  स्थानीय पुलिस बल तैनात किया गया है। विशेष सुरक्षा बल की 2 कंपनी भी तैनात की गई है। इसके अलावा एस.ए.एफ. के 250-300 जवानों की भी सुरक्षा के लिए तैनाती की गई है। 

प्रत्येक केन्द्र में सी.ए. पी.एफ. और स्पेशल पुलिस ऑफीसर के अलावा होमगार्ड भी तैनात किये गये है। मतदान दिवस पर संवेदनशील क्षेत्रों में सीएपीएफ गश्त करेंगी। पूरे जिले के लिए 32 क्विक रिस्पांस मोबाइल टीम भी सक्रिय रहेगी। जिले में 24 फ्लाईंग स्क्वाड टीम के अलावा 29 पुलिस मोबाइल टीम तथा 13 सुपरवाइजरी टीम भी लगातार भ्रमण करेंगी।

मतदान के सुचारू एवं शांतिपूर्वक संचालन के लिए पुलिस के 350  पेट्रोलिंग वाहन लगातार क्षेत्र में नजर रखेंगे। सभी विधानसभा क्षेत्रों के सब डिवीजनल क्षेत्र में 20-20 व्यक्तियों का एक-एक स्ट्राइकिंग रिजर्व फोर्स भी रहेगा।

इनके अलावा खुरई, राहतगढ़, बंडा और सागर शहर में 40-40 पुलिस जवानों का डीजीपी रिजर्व बल तैनात रहेगा, जो संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार दौरा करेगा। सीएपीएफ की 18 कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी की टीम भी चुनाव क्षेत्रों का निरंतर दौरा करेगी।

मतदान के बाद शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गये ईवीएम के स्ट्रांग रूम में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। जहां सी.ए.पी.एफ. के 45 जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे। एसएएफ और जिला पुलिस  बल का एक-एक दल भी रहेगा। स्ट्रांग रूम की सीसीटीबी कैमरों से निगरानी की जाएगी। स्थल पर एक बड़ी एलईडी भी लगाई गई है। पुलिस कंट्रोल रूम से सभी मतदान दल संपर्क में रहेंगे।

मतदान समाप्ति तक रहेगा शुष्क दिवस

जिले की राजस्व सीमा में मतदान समाप्ति तक शुष्क दिवस रहेगा। जिले की सभी मदिरा दुकानों, वाईन आउटलेट, देशी मद्य भण्डारागार, विदेशी मदिरा मद्य भण्डारागार  से मदिरा का विक्रय, परिवहन अथवा प्रदाय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। 

सभी मतदान क्षेत्र में किसी भी होटल, आहार गृह, क्लब, मधुशाला में अथवा अन्य किसी सार्वजनिक तथा निजी स्थान में कोई भी स्प्रिटयुक्त, किण्वित या मादक लिकर या वैसी ही प्रकृति के अन्य पदार्थ का भी विक्रय, संग्रहण, एवं परिवहन भी प्रतिबन्धित रहेगा।


वोटर आईडी के अलावा वैकल्पिक दस्तावेज

मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदाता परिचय पत्र के अलावा 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज में से एक को दिखाकर मतदान किया जा सकेगा। इन 

12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में 

  • आधार कार्ड, 
  • मनरेगा जाब कार्ड, 
  • ड्राइविंग लाइसेंस, 
  • पैन कार्ड, 
  • भारतीय पासपोर्ट, 
  • फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, 
  • केंद्र राज्य सरकार,पीएसयू सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, 
  • बैंक, 
  • डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, 
  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, 
  • श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, 
  • सांसदों, विधायकों,एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और 
  • भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल हैं।


बाहरी व्यक्तियों ने विस क्षेत्र छोड़ा

कलेक्टर के आदेश के बाद जिले में अन्य जिलों से प्रचार के लिए आए राजनैतिक पृष्ठ भूमि के व्यक्तियों ने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया है। शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रूप में मतदान सम्पन्न कराने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक आर्य ने राजनैतिक दलो और अभ्यर्थियों के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने के लिए अन्य जिलों व विधानसभा क्षेत्रों से आए हुए व्यक्तियों को 15 नवंबर की शाम 5 बजे तक अपने अपने जिले अथवा विधानसभा क्षेत्रों में वापस जाने के आदेश दिए थे।
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