Sagar Watch News/ सागर ड्रीम्स के कार्यक्रम में स्व. श्री शैलेंद्र जी के गीतों को स्थानीय कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। भूले बिसरे गीतकारों के नाम शुरू हुई इस श्रृंखला में गीतकार शैलेन्द्र जी के सागर से संबंध को याद किया गया।
निर्माता के रूप में स्व. शैलेन्द्र द्वारा बनाई गई फिल्म ‘‘तीसरी कसम‘‘ की शूटिंग सागर जिले के खिमलासा गाँव में हुई थी। इस फिल्म के गाने ‘‘सजनवा बैरी हो गए हमारे..‘‘ एवं ‘‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई..‘‘ जैसे गीत आज भी सागर तथा देश भर में गुनगुनाये जाते है।
कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों और श्रोताओं को प्रतिभागियों कि शानदार प्रस्तुतियों ने झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सागर विधायक सपत्नीक शामिल हुए।
उन्होंने प्रतिभागियों को सुना और बहुत ही गर्व से कहा कि सागर के कलाकारों को मौका देने के लिए बनाया गया यह प्लेटफॉर्म , यह प्रयास काबिले तारीफ़ है। उन्होंने कहा कैसे मंच के माध्यम से छुपी हुई प्रतिभाओं को मौका मिलेगा वह उभर कर सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि यहां आकर महसूस हुआ कि इतने नन्हे गायकों में भी गायकी की कितनी समझ है और उनके गायन में कितना ठहराव है।
उल्लेखनीय है कि, भूले बिसरे गीतकारों के नाम शुरू हुई इस श्रृंखला में सबसे पहले आज स्व. श्री शैलेंद्र जी के गीतों की प्रस्तुति दी गई।
इस उपलक्ष्य पर अपर कलेक्टर एवं डीटीपीसी के नोडल श्री रूपेश उपाध्याय ने कहा कि प्रायः कालजयी गीतों को तो सभी गुनगुनाते हैं, वे गीत उनके मन में भी बसे रहते हैं पर उनके पीछे जो गीतकार हैं उनसे सभी का परिचय नहीं होता।
सागर ड्रीम्स के तहत इन भूले बिसरे गीतकारों के माध्यम से हम उन्हीं को याद कर रहे हैं जिनके गीतों को जानते हुए भी हम उन लिरिसिस्ट को नहीं जानते जिन्होंने उन गीतों को शब्द दिए हैं।
कार्यक्रम में शामिल हुए वरिष्ठ नागरिक एवं पूर्व डीन एवं विभागाध्यक्ष परफॉर्मिंग आर्ट्स, संगीत विभाग और पत्रकारिता
डॉ. ललित मोहन कार्यक्रम के नोडल रुपेश उपाध्यक्ष को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पी सी शर्मा भी शामिल हुए ।
उन्होंने कहा कि यह पहल सागर की ऐसी प्रतिभाओं को मंच दे रहा है जो प्रतिभा होने के वावजूद भी मौका और मंच न मिल पाने के कारण अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पाते। उल्लेखनीय है कि जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद सागर द्वारा गायन में रूचि रखने वाले नगर की प्रतिभाओं को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘‘सागर ड्रीम्स‘‘ प्लेटफार्म बनाया गया है।
इस प्लेटफार्म पर प्रत्येक 15 दिन में थीम विशेष पर गायन का कार्यक्रम किया जा रहा है, जिसमें चयनित प्रतिभाओं को प्लेटफार्म पर अपनी प्रस्तुति देने का अवसर मिलता है।
उल्लेखनीय है कि नगर में पहली बार जिला पुरातत्व, पर्यटन एवं संस्कृति परिषद जिला सागर द्वारा सुप्रसिद्ध गीतकार स्व. शैलेन्द्र के गीतो पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभी संगीत प्रेमियों ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया।
शैलेंद्र जी का जन्म 30 अगस्त 1923 को रावलपिंडी, पाकिस्तान में हुआ था और उनका निधन 14 दिसंबर 1966 को मुंबई में हुआ था। शैलेंद्र जी ने अपने करियर में कई हिट गीत लिखे, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं
‘मेरा जूता है जापानी‘ (फिल्म - मेरा नाम जोकर)
‘आज फिर जीने की तमन्ना है‘ (फिल्म - गाइड)
‘प्यार हुआ इकरार हुआ‘ (फिल्म - श्री 420)
‘दुनिया बनाने वाले‘ (फिल्म - तीसरी कसम)
शैलेंद्र जी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें फिल्मफेयर पुरस्कार भी शामिल हैं।
शैलेंद्र जी की गीतकारी में एक अनोखा स्पर्श था, जो आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
इन्होंने दी प्रस्तुति
कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्ग में जिज्ञांश खरे, श्रेया शुक्ला, अम्बिका सिंह, रिद्धिमा श्रीवास्तव,आस्था विश्वकर्मा, कनिष्का दुबे, अर्नव तिवारी, यशवर्धन वर्मा, काव्यांश गौड़, समीर चौरसिया, अबिका पटैरिया, शुभम चौबे, यशश्री टेकाम, अर्जित मिश्रा, शैली रिछारिया, दीपेश क्षेत्री, नितिन तिवारी, कुलभूषण त्रिवेदी, श्याम सुन्दर सेन, सुरेन्द्र कुमार खटीक, रितु द्विवेदी ने प्रस्तुति दी।