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  संजीवनी फिजियोथेरेपी क्लिनिक, विजय टॉकीज रोड, सागर के खिलाफ 25 नवंबर 2024 को जनसुनवाई में शिकायत दर्ज की गई थी। इस मामले की जांच के लिए 11 फरवरी 2025 को सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरे ने क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान क्लिनिक में अकुशल (अनट्रेंड) स्टाफ को फिजियोथेरेपी करते हुए पाया गया। शिकायतकर्ता अर्पित सिंह के भाई की फिजियोथेरेपी इसी क्लिनिक में कराई जा रही थी, लेकिन लापरवाही के कारण उनकी हड्डी टूट गई। जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने इसकी पुष्टि की थी।

जांच में खुलासा हुआ कि क्लिनिक में सहायक प्रीति नामदेव के पास फिजियोथेरेपी का कोई प्रमाणपत्र नहीं था, फिर भी उन्होंने मरीज का इलाज किया। उस समय डॉ. सीमांत पटेल क्लिनिक में मौजूद नहीं थे। जबकि क्लिनिक का पंजीकरण केवल डॉ. सीमांत पटेल के नाम पर हुआ था, और वही फिजियोथेरेपी करने के अधिकृत थे। नियमों के अनुसार, वे किसी सहायक को अपनी उपस्थिति में सहायता के लिए रख सकते थे, लेकिन उन्होंने अपनी सहायक को अकेले भेजकर मरीज की फिजियोथेरेपी कराई, जिससे उसकी हड्डी टूट गई।

इस लापरवाही के चलते मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सागर ने 11 फरवरी 2025 को क्लिनिक को नोटिस जारी किया था। जवाब संतोषजनक न मिलने पर 13 फरवरी 2025 को क्लिनिक को अस्थायी रूप से सील कर दिया गया।

यह घटना मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) नियम, 1997 के उल्लंघन का मामला है। इस कारण क्लिनिक का पंजीकरण रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मरीज सेरेब्रल पाल्सी से 15 वर्षों से पीड़ित था, जिसे केवल किसी योग्य फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा ही उपचार दिया जाना चाहिए था।

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