National Cadet Core | Sagar | UTD
Sagar Watch News/ डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के स्वर्ण जयन्ती सभागार में विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता को मानद कर्नल रैंक एवं एनसीसी के कर्नल कमांडेंट पद से विभूषित करने के लिए ‘पिपिंग सेरेमनी’ (Pipping Ceremony) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एनसीसी निदेशालय (म.प्र. एवं छत्तीसगढ़) के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल ए. के. महाजन थे. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कन्हैयालाल बेरवाल की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न इस कार्यक्रम में ब्रिगेडियर विकास बहुगुणा, कर्नल ए. के. बेंसला भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
मेजर जनरल ए. के. महाजन ने कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अकादमिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें कर्नल की उपाधि से सम्मानित होने पर बधाई दी। उन्होंने एनसीसी कैडेट्स की राष्ट्रीय प्रतिभागिता और उच्च प्रदर्शन की सराहना की, और बताया कि एनसीसी दुनिया की सबसे बड़ी युवा वालंटियर सेवा संस्था है। एनसीसी का योगदान राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण है और यह कैडेट्स के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य शिक्षाविदों के हाथों में है, और एनसीसी कैडेट्स अपनी कर्तव्यनिष्ठा से देश का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं।
कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल ने प्रो. नीलिमा गुप्ता को एनसीसी के मानद कर्नल कमांडेंट बनने पर बधाई दी और उनके नेतृत्व, उत्कृष्टता, और विश्वविद्यालय की प्रगति में योगदान की सराहना की। उन्होंने प्रो. गुप्ता की इस नई भूमिका को एक नए अध्याय की शुरुआत बताते हुए विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत कहा।
कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता ने एनसीसी के मानद कर्नल कमांडेंट के रूप में सम्मानित होने पर आभार व्यक्त किया और इसे विश्वविद्यालय और छात्रों की समर्पित टीम की सफलता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेट्स को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करना गर्व की बात है। विश्वविद्यालय परिसर में नई सुविधाओं और अभियानों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एनसीसी को एक जीवनशैली बताया जो छात्रों में अनुशासन, समर्पण और नेतृत्व कौशल को विकसित करती है। प्रो. गुप्ता ने राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
शिवाजी ऑब्सटेकल कोर्स
अतिथियों के द्वारा
शिवाजी ऑब्सटेकल कोर्स का उदघाटन किया गया.उन्होंने बताया कि यह एक चुनौतीपूर्ण कोर्स है जिसमें
शारीरिक और मानसिक रूप से दृढ़ता के साथ परीक्षण और ट्रेनिंग दी जाती है. यह कोर्स
सेना और रक्षा के सभी क्षेत्रों के लिए महत्त्वपूर्ण है. इस कोर्स का संचालन
विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के स्टेडियम परिसर से किया जाएगा.
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